छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर्व एवं त्यौहार
1) मार्च -अप्रैल 👉 चैत्र
2) अप्रैल-मई 👉 वैशाख
3) मई- जून 👉 जेठ
4) जून -जुलाई 👉 अषाढ
5) जुलाई-अगस्त 👉 सावन
6) अगस्त-सितंबर 👉 भादो
7) सितंबर अक्टूबर 👉 कुवार
8) अक्टूबर-नवंबर 👉 कार्तिक
9) नवंबर- दिसंबर 👉 अगहन
10 ) दिसंबर- जनवरी 👉 पूस
11) जनवरी-फरवरी 👉 माघ
12) फरवरी-मार्च 👉 फागुन
छत्तीसगढ़ी पंचांग || हिंदू पंचांग की पूरी जानकरी
1 महीने में 30 दिन होते हैं 30 जून को हिंदू पंचांग में 15 15 दिन पक्षों में बांटा गया है
हिंदू पंचांग को चंद्र पंचांग भी कहा जाता है चंद्र पंचांग से आशय यह है कि चंद्रमा 15 दिन बढ़ता है और 15 दिन घटता है
मुसलमानों का कैलेंडर भी चंद्र कैलेंडर पर आधारित है
30 दिन का कैलेंडर
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
15 दिन अमावस्या या अमावस | 15 दिन पूर्णिमा या पुन्नी |
अंधियारी पाख | अंजोरी पाक |
छत्तीसगढ़ी त्योहार पंचांग
1. चैत्र
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
चैत्र नवमी- रामनवमी |
2. वैशाख
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
वैशाख तृतीया अक्षय तृतीया अक्ति – आखा – तीज वैशाख तृतीया – वैशाख महीने की तीसरी तिथि वैशाख तृतीया – अक्षय तृतीया (अक्ति) गुड्डे गुडियो का विवाह पुतरा – पूतरी विवाह |
3. जेठ
हिंदु पंचांग एवं छत्तीसगढ़ी पंचाग के इस महीने मे किसी भी प्रकार का त्योहार नही होता है।
4. अषाढ
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
अषाढ द्वितीया – अषाढ महीने की दूसरी तिथि रथ द्वितीया-👇 |
रथ यात्रा जगननाथ स्वामी (कृष्ण) बलभद्र/बलराम शुभद्रा | ओडिशा का त्योहार – रथ जुतिया बस्तर की रथ यात्रा – गोंचा |
5. सावन
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
सावन अमावस्या [हरियाली]- हरेली (छत्तीसगढ़ का प्रथम त्योहार) कृषि से संबंधित त्योहार कृषि उपकरण की पूजा [गुरहा चिला -मिठा एवं खारा पकवान] [गेढी] |
6.भादो
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
भादो षष्ठी – हलषष्ठी– कमरछ्ठ [ पुत्र की दिर्घायू के लिए व्रत] – खमरछ्ठ (6 प्रकार की सब्जी खाते है / भैस का सम्मन किया जाता है दूध दही चढ़ाया जाता है) भादो अमावस्या – पोला ( बैल की पूजा की जाती है/ बैल दौड़ का आयोजन) | भादो तृतीया – तिजा – हरतालिका – ठेठरी- खुरमी |
7. कुवार
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
15 दिनों का पृत पक्ष मनाया जाता है (जिसमे पूर्वजो को याद किया जाता है) ( बरा – बोबरा बनाया जाता है) पितर त्योहार मातृ – नवमी | दुर्गा पूजा दशहरा त्योहार |
8. कार्तिक पक्ष
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
दीपावली त्योहार | शुक्ल पक्ष की 11 वी तिथि कार्तिक प्रबोधनी एकादशी देव – उठनी एकादशी देवता जागरण तुलसी विवाह कुशियार का मंडप (गन्ना) [राउत नाचा] [सुवा नृत्य ] [गौरा गौरी] |
9. अगहन
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
10. पूस
कृष्ण पक्ष | शुक्ल पक्ष |
पूस महीने की पूर्णिमा पूस पुन्नी- छेरछेरा (धान दान की जाती है) |
11. माघ
12. फागुन
माघ एवं फागुन माह के महीने मे सभी जगह मेले मंडाइ का आयोजन किया जाता जाता है।